Wednesday 11 January 2012

जय गुरुदेव नाम प्रभू का!  
बाबा जयगुरुदेव जी का पावन सन्देश

जय गुरुदेव समाचार
10-01-2012

(kindly note message is recd from jaigurudevworld.org and not created by blog owner himself) 

बाबा जयगुरूदेव जी महाराज अपने काफिले के साथ अहमदाबाद शहर से थोड़ा
हटकर डेरा जमाए हुए हैं। आज सत्संगी भाई सतीशजी ने लोगों को बाबाजी के
सत्संग संदेशों को सुनाया। कहावत चरितार्थ हो रही है किः.
जहां राम वहं अवध निवासू।
   बाबाजी ने दूसरा सतयुग आगवन साकेत महायज्ञ इसी अहमदाबाद में साबरमती
नदी के किनारे 25 दिसम्बर 1977 से 5 जनवरी 1978 तक किया था जिसमें तैंतीस
करोड़ देवता उपस्थित थे। किसी के दिल.दिमाग में वहां का नक्शाए जन
उपस्थिती का नहीं था। एक महात्मा के इशारे पर असंख्य जनसमूह आया था यह
सबके लिए हैरत की बात थी। यज्ञ में उपस्थित 33 करोड़ देवाताओं ने जनता की
खुशहाली के लिए प्रस्ताव भी पास किए जिसकी घोषणा बाबाजी ने की थी।

बाबाजी ने यह भी कहा था कि यदि कोई शासक जनता को खुशहाल बनाना चाहता
है तो दिल्ली की गद्दी पर बैठकर खुशहाल नहीं बना सकता है। गांधी महात्मा
चूक गए हम चूकने वाले नहीं हैं। गांधीजी के केवल राजनीति के साथ जुड़े थे
और हम धर्म के साथ चलकर काम करेंगे। धर्म सबमें एक है.एक आत्मा हैए एक
परमात्मा है। इस बात को सोचना.विचारना है। अद्वितीय परिवर्तन होगा। सारे
विश्व के लोग भारत भूमि को सिजदा करने लगेंगे। सतयुग भारत में स्थापित
होगा। सारे विश्व को यहाँ की विभूतियाँ नचाया करती थीं वहीं वक्त आने
वाला है। चीनए अमेरिकाए रूस नहीं बचेंगे तो छोटे.मोटे मुल्कों का क्या घ्
भारत की भौतिक प्रगतिए आध्यात्मिक प्रगति को देखकर विश्व के लोग दांतों
तले उंगली दबायेंगे। भारत औतारी शक्तियों का केन्द्र ऐसा बनेगा कि सारा
विश्व यहां के लोगों को गुरू मानने लगेगा। मैं यह जानता हूँ कि हमारी
बातें लोगों को अटपटीए उल्टी मालूम होती हैं। महात्माओं की भाषा जल्दी
समझ में नहीं आतीए निकट में आने पर समझ में आने लगती हैं।
मैंने देवताओं से प्रार्थना की और कहा कि भारत का सम्मान होना चाहिए।
उन्होंने प्रस्ताव पास कर दिया। विदेश मंत्री उपस्थित थे। मैंने उनसे भी
कहा कि आप एक हो जाइये जो जनता को वचन दिया है। अगर कोई वचन से हटता है
तो आप समझ लीजिए कि महान आत्माओं का प्रादुर्भाव होगा। वो महान आत्मायें
शासन की बागडोर सम्हाल लेंगी फिर चाहे राज्य किसी को दें। रावण मारकर
राज्य एकबारगी किसी को दिया जा सकता है। देवताओं ने प्रस्तावों पर दस्तखत
कर दिया है। 

जय गुरुदेव I